यथायोग्यं श्लोकांशान् मेलयत-
क |
ख |
धनधान्यप्रयोगेषु |
नासद्भि: किञ्चिदातरेत्। |
विस्मयो न हि कर्त्तव्य: |
त्यक्तलज्ज: सुखी भवेत्। |
सत्येन धार्यते पृथ्वी |
बहुरत्ना वसुन्धरा। |
सद्भिर्विवादं मैत्रीं च |
विद्याया: संग्रहेषु च। |
आहारे व्यवहारे च |
सत्येन तपते रवि:। |
क |
ख |
धनधान्यप्रयोगेषु |
विद्याया: संग्रहेषु च। |
विस्मयो न हि कर्त्तव्य: |
बहुरत्ना वसुन्धरा। |
सत्येन धार्यते पृथ्वी |
सत्येन तपते रवि:। |
सद्भिर्विवादं मैत्रीं च |
नासद्भि: किञ्चिदातरेत्। |
आहारे व्यवहारे च |
त्यक्तलज्ज: सुखी भवेत्। |