5 surdas ke pad likh kar do hindi m plz important

हम दो दे रहे हैं बाकी आप स्वयं लिखिए-

१. मैया, कबहिं बढ़ैगी चोटी?

कितनी बार मोहिं दूध पियत भई, यह अजहूँ है छोटी।

तू जो कहति बल की बेनी ज्यौं, ह्वै है लाँबी-मोटी।

काढ़त-गुहत न्हवावत जैहै, नागिनी सी भुइँ लोटी।

काचौ दूध पियावति पचि-पचि, देति न माखन-रोटी।

सूरज चिरजीवौ दोउ भौया, हरि-हलधर की जोटी।

सूरदास के प्रथम पद में श्री कृष्ण अपनी माँ यशोदा से शिकायत कर रहे हैं कितुम तो कहती थींकिदूध पीने से चोटी बढ़ेगी परन्तु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। मेरी चोटी अब भी वैसी की वैसी ही है। तुमने मुझे इसी आशा में दिन में कितनी बार कच्चादूध पिलाया और मक्खन - रोटी भी खाने को नहीं दीकिएक दिन मेरी चोटी बलराम भईया के समान लम्बी मोटी हो जाएगी परन्तु सब झुठ था। सूरदास जी अंत में कहते हैं कि कृष्ण और बलराम की जोड़ी सदा यूहीं बनी रही। 

 

२. तेरैं लाल मेरौ माखन खायौ।

दुपहर दिवस जानि घर सूनो ढूँढि, ढँढोरि आप ही आयौ।

खोलि किवारि, पैठि मंदिर में, दूध दही सब सखनि खयायौ।

ऊखल चढ़ि, सींके को लीन्हों, अनभावत भुइँ मैं ढरकायो।

दिन प्रति हानि होति गोरस की यह ढोटा कौनौं ढंग लायौ।

सूर स्याम कौं, हटकि न राखै, तूँ ही पूत अनोखौ जायौ।

दूसरे पद में गोपियाँ यशोदा माँ से कृष्ण की शिकायत लेकर आती हैं। उनके अनुसार दोपहर के समय घर को खाली जान कृष्ण अपने ग्वालों मित्रों के साथ घर का किवाड़ खोलकर घुस जाता है। वह सींके पर रखा दही और मक्खन स्वयं भी खाता है और अपने सखाओं को भी खिलाता है। और जो बच जाता है उसे वह जमीन पर गिरा देता है। कृष्ण की चोरी के कारण रोज़गोरस का नुकसान हो रहा है। तुमने कैसे शैतान पुत्र को जन्म दिया है , जिसे तुम डरा कर भी नहीं रख सकती।

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