aaj ke neta vs purane neta. composition

मित्र इन पंक्तियों को अपनी समझ से विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास करें-

आज के नेताओं का चरित्र आदर्श के योग्य नहीं है। जब हम गुलाम भारत की बात करते हैं, तो हमारे आगे हज़ारों उदाहरण प्रस्तुत हो जाते हैं, जिन्होंने देश को बहुत कुछ दिया था। जवाहरलाल नेहरु, सुभाषचन्द्र बोस, तिलक, लाला लाजपत राय, वल्लभभाई पटेल इत्यादि ऐसे नेता से लोगो प्रेरणा लेते थे और अपने बच्चों को उनके समान बनाना चाहते थे। परन्तु आज के नेता ऐसा हैं जिनमें, देशभक्ति, सदाचार, कर्तव्यनिष्ठ, कर्मठता, लोक सेवा, ईमानदारी इत्यादि भावों का दूर-दूर तक नामों निशान नहीं दिखाई देता है। यदि किसी व्यक्ति से पूछा जाए कि वह अपनी संतान को आज के किस नेता के समान बनाना चाहेगा, तो लोग मुँह बना लेते हैं। वे किस प्रसिद्ध अभिनेता या अभिनेत्री को अपना व अपने बच्चों का आदर्श बना सकते हैं। परन्तु नेता को नहीं। इनका चरित्र लोगों को आकर्षित नहीं करता अपितु उनसे घृणा ही उत्पन्न होती है।

मनुष्य को उसके चरित्र से ही पहचाना जाता है। उनका चरित्र जितने सद्गुणों से युक्त होगा, लोग उससे उतना ही आकर्षित होगे। नेता के लिए तो चरित्र बहुत महत्वपूर्ण होता है। वह देश के लोगों का नेतृत्व करता है। उसके चरित्र में ईमानदारी, सदाचार होना परम आवश्यक है।

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