aapki chooti bahn padae-likai ki bajaae fashion- shringar mai adeek roochi laenae lagi hai. osae samjate hoa ki vah padai- likai ki or adeek dyaan dai, ek patr likiae

मित्र आप पत्र इस प्रकार लिख सकते हैं -
4/50, पश्चिम विहार,
नई दिल्ली।
दिनांक: ................
प्रिय बहन पल्लवी,
शुभाशीष!
मुझे यह ज्ञात हुआ कि तुम अपनी शिक्षा के प्रति बहुत ही लापरवाह हो गई हो। तुम नियमित रूप से विद्यालय भी नहीं जा रही हो और अपनी पढ़ाई में भी ध्यान नहीं दे रही हो। तुम्हारी अध्यापिका द्वारा तुम्हें चेतावनी भी दी जा चुकी है। ये सब सुनकर मुझे बहुत कष्ट हुआ है।तुम तो बहुत समझदार हो। तुम्हें इस बात का ज्ञान होना आवश्यक है कि तुम अपना बहुमूल्य समय पढ़ने-लिखने के स्थान पर फैशन में और व्यर्थ के क्रियाकलापों में नष्ट कर रही हो। मनुष्य के जीवन में शिक्षाकाल बहुत महत्वपूर्ण होता है। हमारे भविष्य की नींव इसी समय पर रखी जाती है। यदि तुम इसी तरह पढ़ाई-लिखाई छोड़कर फैशन के नाम पर समय नष्ट करती रहोगी तो दिशा भटक जाओगी। तुम स्वयं अपने हाथों से अपना भविष्य बर्बाद कर बैठोगी। पिताजी को हमसे बहुत आशाएँ हैं। हमारी शिक्षा में कोई बाधा न आए, इसके लिए वह दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। इस तरह के व्यवहार से तुम उनकी मेहनत व आशाओं में पानी फ़ेर रही हो।आशा करती हूँ कि तुम मेरे इस पत्र को गंभीरता से लोगी और अपना ध्यान  पढ़ाई में लगाओगी।
तुम्हारी बड़ी बहन,
लता

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