an eassy on jeevan mein logon ka pehechan uske poshak se nahi balki uske karmo se hota hai please i need it on thrusday it self

व्यक्ति के पद की पहचान उसकी पोशाक से हो सकती है परन्तु उसकी असल पहचान उसके कर्मों से होती है। एक व्यक्ति का निर्माण उसके स्वभाव, उसके द्वारा किए गए कार्यों से होता हैं। जैसे बदमाश नेता के कपड़े धारण कर ले परन्तु लोग उसे बदमाश ही मानेंगे, जब तक की उसके कार्य अच्छे नहीं होगें। वैसे तो आज नेता भी आदरणीय नहीं रहे हैं। परन्तु यहाँ यह बात उदाहरण देने के लिए कही गई है। पोशाक उसको पलभर का सम्मान तो दिला सकती है परन्तु जीवनभर का आदर व सम्मान पाने के लिए उसे सद्कर्म करने अति अवाश्यक है। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि व्यक्ति की पहचान पोशाक से नहीं हो सकती है।

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