anucched on bharat ka rashtriya parv

हमारे जीवन में पर्वों का अत्यधिक महत्व है। पर्वों से जीवन की नीरसता मिटती है तथा सरसता, उल्लास, उत्साह एवं आनंद की वृद्धि होती है। हमारे राष्ट्रीय पर्वों में गणतंत्रता दिवस, स्वतंत्रता दिवस तथा गांधी जंयती प्रमुख हैं। इसके अलावा शिक्षक दिवस, बाल दिवस आदि भी इसी श्रेणी में रखे जा सकते हैं। गणतंत्रता दिवस प्रतिवर्ष 26 जनवरी को संपूर्ण भारत में मनाया जाता है। भारत का संविधान इसी दिन निर्मित किया गया। इसी दिन भारत एक पंथ निरपेक्ष सर्वप्रभुता संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य घोषित किया गया। दिल्ली में विशेष परेड का आयोजन किया जाता है। झाँकियाँ, बच्चों के नृत्य आदि भी निकाले जाते हैं।
दूसरा राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस है। यह प्रतिवर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है। अनेकों संघर्षों के बाद 1947 को भारत को अंग्रेज़ी साम्राज्य से मुक्ति मिली और देश स्वतंत्र हुआ। इस स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए अनेकों युवकों ने हँसते-हँसते अपने को फाँसी पर चढ़ा दिया। इस दिन प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' फहराते हैं और देश को सम्बोधित करते हैं।
गांधी जंयती 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। गांधी जी ने स्वतंत्रता संग्राम को अहिंसा, सत्य के शस्त्र से जीता था। गांधी जी ने स्त्री शिक्षा, अछूतोद्धार, जीर्ण-शीर्ण संस्कारों, रुढ़ियों को तोड़कर जनाधार तैयार किया। इसीलिए इन्हें राष्ट्रपिता कहते हैं। इन सभी पर्वों को मनाने का उद्देश्य यह भी रहता है कि पुराने इतिहास को याद करके देश की समस्याओं पर पुर्नविचार करना, लक्ष्य निर्धारित करना, राष्ट्रोन्नति के प्रति अपने कर्तव्यों को याद करने और देशोत्थान का संकल्प लेने का अवसर मिलता है।

  • 4
What are you looking for?