bas ki yatra par short essay?

बस की यात्रा का अपना मज़ा होता है। खासकर जब यह यात्रा आप अपने परिवारजनों के साथ मिलकर करते हैं। एक बार हमने मिलकर घूमने का कार्यक्रम बनाया। यह कार्यक्रम  हमने रामनगर जिम कार्बेट का बनाया। हमने पहले से ही वहाँ एक होटल बुक करवा लिया और बस भी। बस में हम 40 लोग थे। मज़ा आ गया। इसमें हमारे पूरे संबंधी थे। हम सबने बस में खाने-पीने का सामान भरा और रात को दस बजे हमारी यात्रा आरंभ हो गई। हमने बस में तीन घंटे गाने गाए और अंताक्षरी खेली। सभी एक साथ बैठे हुए थे और किसी को कोई काम की मनाही नहीं थी। बस में यात्रा करने का यह सबसे बड़ा आनंद है कि आप कुछ भी कर सकते हैं। खिड़कियों से ठंडी-ठंडी हवा आ रही थी। उसके बाद सुबह के तीन बजे सभी सो गए। हम कब रामनगर पहुँचे हमें पता ही नहीं चला। यह यात्रा एक मज़ेदार यात्रा थी। इस यात्रा में सबने एक साथ मिलकर मज़े किए। यह श्रेय केवल बस को मिलता है।

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