can anybody give me an essay on 2004 tsunami and its effects on andaman and nicobar islands
समुद्र में आने वाले तुफानों से मनुष्यों को अकसर सामना करना पड़ता है परन्तु वह बड़ी भारी क्षति पहुँचाए यह कम ही देखने को मिलता है। लेकिन कुछ सालों में समुद्र ने जो विनाशलीला दिखाई है वह ह्दय को काँपा देती है। समुद्री तुफान जापानी भाषा में सुनामी कहलाता है। समुद्र को जापानी भाषा में 'सु ' कहा जाता है और 'नामी ' लहरों को कहा जाता है। इसका अर्थ होता है, वह समुद्री लहरें जो बंदरगाह के समीप होती है। सुनामी लहर 14-19 किलोमीटर तक ऊँची उठी होती है। यह 400 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलती हैं। भूकंप, ज्वालामुखी के फटने से, जमीन के धंसने आदि कारणों को सुनामी का कारण माना जाता है। प्राय: समुद्र में इन लहरों के उठने का कारण समुद्र की सतह में आने वाला भूकंप होता है। इसको देखकर ऐसा लगता है मानो समुद्र का जल विशाल दीवार के समान हो गया हो। यह दीवार तटों के समीप आती है, तो उसके गिरने से जो उसके संपर्क में आता है तबाह हो जाता है। सुनामी का खतरा तटीय क्षेत्रों में बना रहता है। इस आपदा का पहले से अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। इसी कारण इस तबाही को रोकना संभव नहीं होता है। 2004 मे आया सुनामी इसका परिणाम है। भारत के तटीय प्रदेश इसकी चपेट में आकर तबाह हो गए थे। निकोबार द्वीप समूह में गाँव के गाँव तबाह हो गए। कई परिवार के परिवार मौत की गोद में समा गए। इस सुनामी ने लोग के दिल दहला दिए थे। सुंदर निकोबार के तट लाशों से अटे पड़े थे। यह वह त्रासदी दी थी, जिसने लोगों प्रकृति आपदा की सचाई दिखाई।