can u pls giv me the  lesson `dukh ka adhikar` as a short story? tomorrow is my exam,pls make it soon.thankyou

 
नमस्कार मित्र!
 
'दुख का अधिकार' पाठ के माध्यम से लेखक यशपाल जी ने समाज में उपस्थित अंधविश्वासों पर प्रहार किया है। लोगों की गरीबों के प्रति मानसिकता को भी उन्होंने इस कहानी के माध्यम से दर्शाया है। किसी भी भू-भाग में चले जाएँ अमीरी और गरीबी का अंतर आपको स्पष्ट रूप से दिख जाएगा। परंतु इस आधार पर किसी के साथ अमानवीय व्यवहार करना हमें नहीं सुहाता। लेखक पाठ के माध्यम से एक वृद्ध स्त्री के दुख का वर्णन करता है। उस वृद्ध स्त्री का एक ही बेटा था। उसकी अकाल मृत्यु हो जाती है। घर की सारी ज़िम्मेदारी वृद्ध स्त्री पर आ जाती है। धन के अभाव में बेटे की मृत्यु के अगले दिन ही वृद्धा को बाज़ार में खरबूज़े बेचने आना पड़ता है। आस-पास के लोग उसकी मजबूरी को अनदेखा करते हुए, उस वृद्धा को बहुत भला-बुरा बोलते हैं। लेखक समाज को यही संदेश देना चाहते हैं कि गरीबों की मजबूरी को कभी अनदेखा नहीं करना चाहिए। यह सत्य है कि दुख समान रूप से सबके जीवन में आता है। सभी अपनों के जाने का दुख मनाना चाहते हैं पर अपनी आर्थिक स्थिति के कारण मना नहीं पाते। भारत जैसे देश में बहुत से लोग हैं, जिन्हें यह समाज दुख मनाने का अधिकार भी नहीं देता है। यह हमारे लिए विडंबना की बात है।  
 
ढेरों शुभकामनाएँ!

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can u pls giv me the  lesson `suneli ka kuan` as a short story? tomorrow is my exam,pls make it soon.thankyou

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THANXX MAM !

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