Can you please give me a nibhandin hindi on himmataur sahaska mehtav.Thanks

मित्र हम आपको इस विषय पर आरंभ करके दे रहे हैं। इसे स्वयं विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास करें। इससे आपका अच्छा अभ्यास होगा और आपका लेखन कौशल बढ़ेगा।

मन की शक्ति को मानसिक बल कहते हैं। मानसिक बल मनुष्य को हर विपरीत परिस्थितियों से बाहर निकलने की हिम्मत देता है। मनुष्य का साहस जितना प्रबल होगा परिस्थितियों का सामना वह उतनी प्रबलता से करेगा। प्राचीनकाल से ही इसके महत्व को नकारा नहीं जा सका है। बड़े युद्धों को  मनुष्य ने अपने मानसिक बल के सहारे ही जीता है। शारीरिक बल उसे ताकतवर तो बना सकता है। परन्तु यदि उसके अंदर हिम्मत नहीं तो वह छोटी से छोटी लड़ाई हार सकता है।गौरी ने भारत में सात बार आक्रमण किया और हर बार पृथ्वीराज से हार का स्वाद चखा परन्तु उसने अपनी हिम्मत नहीं हारी। मुट्ठीभर सैनिकों के दम पर उसने फिर आक्रमण किया और पृथ्वीराज को हरा दिया। एक मनुष्य का साहस पर्वतों को झुकने पर विवश कर देता है। मनुष्य का चांद पर जाना, समुद्र पर बड़े पुलों का निर्माण करना, ऊँची-ऊँची गगनचुम्बी इमारतें खड़ी करना इसी साहस का नतीजा है।

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