can you write an essay on boya ped babul ka to aam kahan se hoye
एक कहावत सदियों से विद्यमान है बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होए। अर्थात आप जैसा दूसरों को देंगे, वैसा ही फल दूसरों से पाएँगे। यदि हम प्रेम देंगे, तो बदले में प्रेम पाएँगे। लेकिन हम दूसरों को दुत्कार, देंगे तो हमें भी वही दुत्कार वापस मिलेगी। सारस और लोमड़ी की एक ऐसी ही कहानी है। एक लोमड़ी एक बार सारस पक्षी को खाने पर बुलाती है। वह उसकी मनपंसद खीर बनाती है। सारस लोमड़ी की मन ही मन प्रशंसा करती है। परन्तु जब वह भोजन करने बैठती है, तो लोमड़ी उसे प्लेट में खीर परोसती है। लंबी चोंच होने के कारण सारस कुछ नहीं खा पाता। लोमड़ी के व्यवहार से दुखी सारस लोमड़ी को खाने पर बुलाता है। लोमड़ी मन ही मन अपनी समझदारी और सारस की मुर्खता पर प्रसन्न होकर खाने के लिए पहुँच जाती है। सारस उसे दो बड़ी-बड़ी सुराहियों में भोजन परोसता है। लोमड़ी बड़ा प्रयास करती है परन्तु न उन्हें हिला पाती है और न उसमें रखा भोजन खा पाती है। इस प्रकार सारस उसे जैसे को तैसा जवाब देकर लोमड़ी को एक सीख देती है।