वाद-विवाद (debate)

'राजनीती में धर्म का हस्तक्षेप' guys please give both for and against. pls give it fast. i've got debate competation.help me

राजनीति में धर्म का हस्तक्षेप आज बड़ी तेज़ी से बढ़ रहा है। जिस तरह आज की राजनीति है उसमें कई बार धर्म का हस्तक्षेप सही लगता है। राजनीतिज्ञयों में बढ़ रहा भ्रष्टाचार धर्म के डर से ही कम किया जा सकता है। धर्म का डर सबमें विद्यमान है यदि राजनीति में इसका समावेश होता है, तो उसे बुरे कार्य करने से रोक सकता है। ऐसे लोगों को मानवता की रक्षा के लिए प्रेरित किया जा सकता है। परन्तु राजनीति के समान ही धर्म स्वयं भ्रष्टाचार की चपेट में है। हर व्यक्ति धर्मगुरू बनकर लोगों को लूट रहे हैं। उनका उद्देश्य है धन उगाहना। राजनीति में प्रवेश करके वह स्वयं को शक्ति संपन्न भी बना रहे हैं। इस तरह वे जहाँ धनी बन रहे हैं, वही दूसरी ओर वह शक्ति संपन्न बनकर मनमानी कर रहे हैं। यदि राजनीति में धर्म का हस्तक्षेप बढ़ गया, तो लोगों की आँखों में धूल झोंकना आसान हो जाएगा। दूसरी ओर कई राजनेता वोट पाने और जनता को धोखा देने के लिए धर्मगुरूओं का सहारा लेते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि लोग उन पर विश्वास करके देश के साथ खिलवाड़ करते हैं। भारत जैसे देश में जहाँ हर कदम पर एक धर्मगुरू तथा उसे मानने वाले हज़ारों अनुयायी मिल जाते हैं, ऐसे में किसी भ्रष्ट व्यक्ति का सत्ता में आना सरल हो जाता है।

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