describe the dandi yaatra by author...frds answer is supposed to be in hindi

'दिये जल उठे' पाठ आज़ादी के लिए प्रयत्नशील भारत की महत्वपूर्ण घटना पर आधारित है। 'दांडी कूच' को असफल बनाने के उद्देश्य से अंग्रेजों ने वल्लभाई पटेल को तीन महीने के कारावास की सज़ा सुनाई। गांधी जी ने विरोध स्वरूप स्वयं इस यात्रा का नेतृत्व किया। यह यात्रा साबरमती से आरंभ हुई। गांधी जी बोरसद से होते हुए रास गए, वहाँ उन्होंने जनता का आह्वान किया। वहाँ से वह कनकापुरा पहूँचे। दांडी कूच का उद्देश्य था; लोगों के अंदर आज़ादी के लिए जोश पैदा करना, सत्याग्रह के लिए जनता को तैयार करना और बिटिश शासन से पूर्णस्वराज की माँग करना। कनकापुरा से नदी आधी रात में पार करनी थी लेकिन आधी रात में अंधेरा इतना गहरा था कि कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। तभी गांधीजी और आज़ादी के अन्य सिपाहियों का उत्साह बढ़ाने के लिए नदी के तट पर दोनों ओर हज़ारों दीये जल उठे। हज़ारों लोग हाथों में दीये लेकर खड़े हो गए ताकि लोगों को नदी पार करने में कोई परेशानी न हो। यह कहानी उस एकता का साक्ष्य है, जो आज़ादी के समय में थी। लोगों का एक ही उद्देश्य था, भारत को गुलामी के बंधन से मुक्त करवाना और अंग्रेजों को भारत से बाहर खदेड़ना। सभी भारतीय जाति-पाति और धर्म के सारे बंधनों को पीछे छोड़ते हुए एकता के सूत्र में बंध गए। मधुकर उपाध्याय ने इस पाठ के द्वारा महत्वपूर्ण घटना का जो विवरण दिया है, वह बहुत ही अच्छा है।

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