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प्र कृति       के       उस      अ नंत      और      विरा ट      स्व रूप      को      देख कर   लेखि का      को       कैसी      अनु भूति      होती      है?

it was not accepting the input so i have to post it like this, 1space means same word , multiple space means diff. words.

Hi!
प्रकृति के उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका को असीम आत्मीय सुख की अनुभूति होती है। इन सारे दृश्यों में जीवन के सत्य को लेखिका ने अनुभव किया। इस वातावरण में उसको अद्भुत शान्ति प्राप्त हो रही थी। इन अद्भुत व अनूठे नज़ारों ने लेखिका को पल मात्र में ही जीवन की शक्ति का अहसास करा दिया। उसे ऐसा अनुभव होने लगा मानो वह देश और काल की सरहदों से दूर बहती धारा बनकर बह रही हो और उसके अंतरमन की सारी तामसिकताएँ और सारी वासनाएँ इस निर्मल धारा में बह कर नष्ट हो गई हों और वह चीरकाल तक इसी तरह बहते हुए असीम आत्मीय सुख का अनुभव करती रहे। अर्थात प्रकृति ने उसके मन को इतना सुख दिया की मानो उसके मन की सारी बुरी भावनाएँ बाहर निकल गई और उनके जाने से मन में सुकून व आनंद शेष रह गया हो।
 
आशा करती हूँ कि आपको प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
 
ढेरों शुभकामनाएँ!

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