ek phul ki chah ko kahani ke ruup me likhna hai

नमस्कार मित्र,


एक फूल की चाह में एक लड़की थी, जिसका नाम सुखिया था। वह नीची जाति से संबंधित थी। एक बार उनके गाँव में महामारी ने अपना प्रकोप फैलाया। यह प्रकोप केवल बच्चों को अपना शिकार बना रही थी। सुखिया भी इसका शिकार हो गई। उसने अपने पिता से ऊँची जाति के लोगों के मंदिर से देवी का प्रसाद लाने की इच्छा जाहिर की। पिता जानता था कि ऐसा करना संभव नहीं होगा। परन्तु पुत्री की इच्छा जान वह वहाँ चला गया। प्रसाद लेने में वह कामयाब भी हो गया परन्तु अंत में पकड़ा गया। सबने उसके पिता को बहुत मारा और उसे जेल में बंद करवा दिया। उसके पिता को कुछ दिनों की सज़ा मिली। इसी बीच उसकी पुत्री सुखिया चल बसी। जब वह जेल से लौटा तो घर में सुखिया उपस्थित नहीं थी। उसे पड़ोसियों से पता चल गया कि उसकी पुत्री काल का ग्रास बन चुकी है। उसकी अनुपस्थिती में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। लेखक को अपनी बच्ची की राख के सिवाए और कुछ शे, नहीं बचता।

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