essay in hindi on vidhyalaya ki ghanti ki aatmakatha

मित्र हम आपको कुछ पंक्ति लिखकर दे रहे हैं। कृपया आप स्वयं इसे विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास करें। इससे आपके लेखन कौशल का विकास होगा। आप लिखकर हमें भेज भी सकते हैं। हम उसे जाँचने में आपकी सहायता करेंगे-
मैं एक घंटी हूँ। मैं विद्यालय में एक कमरे के सामने लटकी रहती हूँ। मेरे अनुसार ही किसी भी विद्यालय में काम किया जाता है। निर्धारित समय के अनुसार मुझे समय- समय पर बजाया जाता है। मुझे सुबह-सुबह इसलिए बजाया जाता है, ताकि मेरी आवाज़ सुनकर सभी विद्यार्थी प्रार्थना के लिए आ जाए। इसके बाद अलग-अलग पीरिएड के लिए मुझे बजाया जाता है। अंत में मुझे छुट्टी होने के संकेत के लिए बजाया जाता है। ......................... 

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