ESSAY ON BEROZGARI KI SAMASYA 250 WORDS PLEASE
 

भारत में जनसंख्या-वृद्धि आज बहुत बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। आज लगातार जनसंख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। ये वृद्धि मनुष्य के लिए ही समस्यायों और कठिनाईयों का ढेर ला रही है। जनसंख्या वृद्धि दर में भारत आज सर्वोच्च स्थान पर है। किसी समय यह स्थान चीन को प्राप्त था। परन्तु चीन की सरकार के अथक प्रयासों ने वृद्धि दर पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया है। परन्तु भारत इस वृद्धि में अपना नियंत्रण नहीं कर पाया है, इसका परिणाम है कि उसकी आबादी 100 करोड़ से भी अधिक हो गई है।
 
जनसंख्या वृद्धि, समस्या कैसे हो सकती है? ऐसा प्रश्न कई लोगों के मन में आता है। यह ऐसी समस्या है, जिससे अकेले ही अनेकों समस्याएँ पैदा होती है। जनसंख्या वृद्धि समस्या इसलिए है क्योंकि जब किसी देश की जनसंख्या वृद्धि की दर में बढ़ोतरी होती है, तो वहाँ के नागरिकों के लिए अधिक आवासीय स्थलों की आवश्यकता बढ़ जाती है। आवासीय स्थलों की आश्यकता को पूरा करने के लिए भूमि की आवश्यकता होती है और उसके लिए वनों को काटना पड़ता है। कृषि योग्य भूमि भी आवासीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रयोग की जाती है। इससे कृषि उत्पादन पर दबाव पड़ता है। खाद्य संबंधी आवश्यकताओं में कमी आती है। देश की खाद्य-आपूर्ति को पूरा करने के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। इसके लिए देश के पैसों को बाहर भेजना पड़ता है, जिससे देश की आर्थिक व्यवस्था पर भी दबाव पड़ता है।
 
जनसंख्या जितनी बढ़ेगी उसकी आवश्यकताओं में उतनी ही वृद्धि होगी। इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अधिक संसाधनों की आवश्यकताएँ बढ़ जाएँगी। देश यदि इन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम नहीं होगा, तो स्थिति और भी खराब हो जाएगी। खादय आपूर्ति के साथ-साथ कपड़ा, पानी, बिजली, ईँधन, आवास आदि साधनों की आवश्यकता होगी। इन आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए प्रकृति का अत्यधिक दोहन किया जाएगा। पर्यावरण और वातावरण पर भी अतिरिक्त दबाब बन जाएगा।  
अधिक जनसंख्या के कारण उन्हें मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हो पाती है। देश की ज्यादातर आबादी ऐसी है जिन्हें कई प्रकार की सुविधाओं से वचिंत रहना पड़ता है। शिक्षा, बिजली, पानी और चिकित्सा जैसी सुविधाएँ पूरे देश में समान रूप से नहीं मिल पाती है। आज भी देश में ऐसे स्थान है जहाँ अच्छे विद्यालय और अच्छे चिकित्सालयों की कमी है। इस तरह से देश की प्रगति संभव नहीं है। शिक्षा ऐसा साधन है जो व्यक्ति, समाज और देश का समुचित विकास करने में सक्षम है। यदि व्यक्ति शिक्षित है, तो उसमें स्वत: जागरूकता आ जाती है। परन्तु यदि शिक्षा ही सबको समान रूप से नहीं मिल पा रही है तो देश को क्या विकास मिलेगा।

 
अशिक्षित व्यक्ति मज़दूरी करने के लिए बाध्य हो जाता है। वह गरीबी का जीवन जीने के लिए मज़बूर हो जाता है। सरकार के लिए अधिक आबादी के लिए रोज़गार उपलब्ध करवाना कठिन हो जाता है। जिससे देश में बेरोज़गारी की समस्या भी मुँह फाड़े खड़ी हो जाती है। गरीबी के कारण लोग अपराध करने के लिए बाध्य हो जाते हैं। इस तरह देश में अव्यवस्था फैलती है। देश पर भी आर्थिक बोझ बढ़ता है। अंसतोष बढ़ने के कारण देश कमज़ोर हो जाता है।
 
इन बातों पर विचार करने से यह ज्ञात होता है कि जनसंख्या वृद्धि देश के विकास के लिए श्रेयस्कर नहीं है। हमें यह समझना होगा कि परिवार जितना छोटा होगा उसकी आवश्यकताओं को पूरा करना उतना ही सुविधापूर्ण होगा। इससे हम अपने परिवार को सुखी बना पाएगें। उन्हें हर सुख-सुविधा दे पाएगें।सरकार भी अब इस तरफ़ महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। हमें भी उसके साथ कदम से कदम मिलाना होगा। परिवार-नियोजन को अपनाना होगा। इस तरह हम अपना और अपने देश का विकास कर सकते हैं।

  • -1
What are you looking for?