essay on jeevan me manoranjan ka mahatav

मनोरंजन के बिन मनुष्य की जीवन नीरस और रंगहीन हो जाएगा। मनोरंजन मनुष्य को स्फूर्ति और ऊर्जा देते हैं। जीवन को ऊबाउ बनाने से रोकता है। जीवन में ताजगी भरता है। विचारों तथा सोच को सकारात्मक पक्ष देता है। सदियों से मनुष्य अपने मनोरंजन के विभिन्न साधन तलाश करता रहा है। खेल उसके मनोरंजन के मुख्य साधन रहा है।  परन्तु कई बार मनुष्य स्वयं को उठा-पठक से दूर रखना चाहता है और मन को शांति प्रदान करना चाहता है। ऐसे में संगीत, नृत्य आदि मनोरंजन के सबसे अच्छे साधन है। मनोरंजन जीवन को गति प्रदान करते हैं। मनुष्य का मानसिक विकास करते हैं, तथा नई सोच विकसित करते हैं। आज के आधुनिक युग में मनोरंजन के अनेक साधन विकसित हुए हैं। जैसे टी.वी., शांपिक, खेलों के मनोरंजन प्रकार आदि। इस भागदौड़ वाले जीवन में यह मनुष्य को आराम और प्रसन्नता से भर देते हैं। इनके बिना जीवन महत्वहीन लगता है।

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