essay on newspaper in hindi

नमस्कार मित्र,

 

समाचार-पत्र हमारे जीवन में बहुत महत्व रखते हैं। आज के समय में समाचार-पत्र, देश-विदेश के समाचारों, विचारों और सूचना के प्रसार का सुगम साधन माने जाते हैं। किसी भी देश से जुड़ी खबरें हों हमें इनके माध्यम से प्राप्त हो जाती हैं। यह समाचारों की दुनिया है। इस प्रकार की सूचनाएँ हमारे लिए बहुत लाभदायक होती हैं। इनके कारण ही हम अपने देश से व अन्य देशों से जुड़े रहते हैं। यह कुछ पन्नों का एक ऐसा पत्र है, जिसमें हर प्रकार के समाचार छपे होते हैं।

 

समाचार-पत्र लोकमत को दर्शाता है। इनके द्वारा प्रत्येक देश के लोगों के विचारों एवं उससे जुड़ी विचारधाराओं के प्रति महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त होती है। इनके माध्यम से देश की आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, वैज्ञानिक तथा खेल-कूद आदि से जुड़ी सभी घटनाओं की सही और सटीक जानकारी प्राप्त हो जाती हैं।

 

समाचार-पत्र मात्र जानकारियाँ ही नहीं देते हैं अपितु यह विज्ञापनों का भी प्रचार भी करते हैं। आज ये वर-वधू, नौकरी, घर आदि ढूँढने का और अपने उत्पादों को बेचने का भी माध्यम बन गए हैं। समाचार-पत्र अपने विभिन्न स्तंभों के माध्यम से प्रचार करते हैं। समाचार-पत्र चूंकि हर वर्ग के घरों में पढ़ा जाता है, इससे यह प्रचार का सबसे सुगम और सस्ता माध्यम बन जाता है।

 

समाचार-पत्र हमारे देश के विकास और प्रगति का महत्वपूर्ण आधार हैं। देश के राष्ट्रीय विषयों पर जनमत को बदलने में ये बहुत उपयोगी साबित होते हैं। समाचार-पत्र लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति अवगत कराते हैं। देश में व्याप्त समस्याओं पर यह पैनी नज़र रखते हैं और अपनी निष्पक्ष राय देते हैं। यह देश के नागरिकों का मार्ग प्रशस्त करते हैं और उन्हें देश की हर स्थिति से अवगत कराते हैं।

 

पहले की तुलना में समाचार-पत्रों के स्वरूप में बहुत बदलाव आया है। अब समाचार-पत्रों में हर विषय के लिए अलग-अलग स्तंभ की व्यवस्था की गई है। इससे हर क्षेत्र से जुड़े समाचार अलग से प्राप्त हो जाते हैं। एक ही समाचार-पत्र जहाँ देश-विदेश की जानकारी देता है, तो किसी स्तंभ में विश्वभर से जुड़े खेल जगत के समाचार भी देता हैं। इसमें बाज़ार से जुड़े समाचारों की जानकारी भी मिलती है। यह विश्वभर में हो रही खोज़ों आदि की भी जानकारी देता है। यह बेशक कुछ पन्नों के हों परन्तु इसके अंदर मानो जैसे पूरा विश्व समा जाता है। यहीं कारण है कि यह घर-घर की पहली पंसद है। प्रात:काल उठकर लोग सबसे पहले समाचार-पत्र पढ़ना ही पसंद करते हैं। यह उनकी महत्वपूर्ण आवश्यकता है। 

 

बदलते समय के साथ इनके स्वरूप में परिवर्तन हुए हैं। ये परिवर्तन एक तरफ सुखकारी हैं, तो दूसरी तरफ इनका एक पक्ष ऐसा भी है, जिससे कई बार असुविधा होती है। आज यह सेक्स व हिंसा को परोसने, फैशन और फिल्मी जगत की व्यर्थ की जानकारी भी देते हैं, इससे पाठकों पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे समाचार-पत्र अपने लाभ के लिए पाठकों को गुमराह करते हैं। कई समाचार-पत्र किसी राजनैतिक दल का समर्थन करते हैं, तो कोई बस मसाला परोसने में व्यस्त रहते हैं। उनका लोकहित से कोई सरोकार नहीं होता है।

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