essay on pradushan ki samasya in hindi
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
हमने धरती, जल, वायु और ध्वनि को प्रदूषण से दूषित कर दिया है। धरती में प्रकृति पेड़ तथा पौधों के रूप में बहुमूल्य उपहार दिया है। मगर हमने अपनी आवश्यकताओं के नाम पर इनका अंधाधुंध प्रयोग किया है। इसके अतिरिक्त फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए कैमिकल का प्रयोग किया है। ये स्थिति सही नहीं है। वायु को हमने वाहनों तथा कारखानों से निकलने वाले जहरीले धुएँ से प्रदूषित किया है। आज हमने स्वयं के लिए शुद्ध हवा भी नहीं छोड़ी है। पेड़ों के कटाव ने इसे और भी जहरीला बना दिया है। यही दशा जल की भी है। हमने नदियों में जहरीले पदार्थों को प्रवाहित कर उसे भी गंदा कर दिया है। खनिज पदार्थों को पाने के लिए पृथ्वी को गहराई तक खोदा है। हमारा दोहन सभी हदें पार कर गया है। परिणाम प्रदूषण, भूकंप, सुनामी की मार झेल रहे हैं। यह प्रदूषण ही है, जो एक विकट समस्या बन गया है। यदि ऐसा ही रहा तो, मनुष्य के लिए प्रदूषण के कारण यह पृथ्वी जीने योग्य नहीं रह पाएगी।