essay on=sada jeevan uchh vichar..

हम आपको कुछ पंक्तियाँ लिखकर दे रहे हैं बाकी आप स्वयं लिखने का प्रयास कीजिए-

सादा जीवन आज के आधुनिक परिवेश में दिखाई देना बंध हो गया है। कहने के लिए हम आधुनिक हो गए हैं परन्तु विचारों में उच्चता का कोई समावेश नहीं दिखाई देता है। मनुष्य को चाहिए कि सादा जीवन जिए और उच्च विचारों को जीवन में स्थान दे। इसका सबसे बड़ा उदाहरण गांधीजी थे। उनका जीवन सादा था। यहाँ तक वे स्वयं शाकाहारी थे और साधरण किसान के वेशभूषा को उन्होंने अपनाया था। गांधी जी व्यक्तित्व शायद अब जन्म लें। उनके विचारों की उच्चता से पूरा विश्व  परिचित है। हम स्वयं को दिखावे की दुनिया में झोंक देते हैं। हमारे लिए दिखावा और पश्चिमी सभ्यता की नकल करना ही सबसे महत्वपूर्ण बातें हैं। विचारों में तो उच्चता के स्थान पर स्वार्थहित की चमक दिखाई देती है। आज भगत सिहं, सुभाषचंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद, रवीन्द्र नाथ ठाकुर जैसे लोगों का व्यक्तित्व दिखाई नहीं पड़ता है।

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