essay on vigyan ka manav vikas mein yogdan

विज्ञान का अर्थ है − विशेषज्ञान। आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान से ही मानव जाति प्रगति कर पाई है। कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जो विज्ञान से अछूता रह पाया हो। विज्ञान ने अँधों को आँख, बहरों को कान, लँगड़ों को पैर ही नहीं कुरूप को सुंदरता भी दी है।इसने जीवन के हर उस कठिनाई को सरल बना दिया जिसे मनुष्य को अत्यधिक कष्ट सहन करना पड़ता था। रेल, तार मोटर, वायुयान, रेडियो, दूरदर्शन, पारदर्शक यंत्र, मोबाइल, इटंरनेट, अणुबम तथा हाइड्रोजन बम तक बना दिए हैं। विद्युत इसका सबसे बड़ा अविष्कार है। गर्मी में सर्दी और सर्दी में गर्मी का आनन्द विज्ञान द्वारा ही लिया जा रहा है। चिकित्सा में अनेकों अविष्कार करके असाध्य रोगों का भी इलाज किया जा सकता है। यातायात के क्षेत्र में तो क्रांति ही ला दी है। मनोरंजन के क्षेत्र में भी विज्ञान पीछे नहीं रहा है। दुनिया को एक कमरे में ला दिया है। इस प्रकार विज्ञान की शक्तियाँ अनंत हैं, जो जन कल्याण कर रही हैं।

  • 54
What are you looking for?