essay on vyayam ka mahatv........

मनुष्य के जीवन में आरंभ से ही व्यायाम का महत्व रहा है। व्यायाम के बिना मनुष्य अधूरा है। व्यायाम से जहाँ स्वास्थ्य बढ़ता है, वहीं शारीरिक सुंदरता भी बढ़ती है। मनुष्य को चाहिए कि वह नियमित रूप से व्यायाम करे। ऐसा करने से शरीर में रक्त-संचार सही रहता है, स्फूर्ति तथा उत्साह भी बढ़ता है। आज के भागदौड़ भरे जीवन में हम व्यायाम के महत्व को नजर अंदाज़ कर देते हैं, इससे हमारे शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। हम आलसी होते जाते हैं। हमारा शरीर बैडोल हो जाता है। हमें मोटापा, मानसिक तनाव, उच्च या निम्नरक्तचाप जैसी अनेक बीमारियाँ आ घेरती हैं। यदि हम नियमित रूप से व्यायाम करते रहते हैं, तो हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है। हम चुस्त-दुरूस्त बने रहते हैं। इससे बीमारियाँ भी दूर रहती हैं साथ ही डॉक्टर और दवाईयों में आने वाला खर्चा भी कम हो जाता है। विद्यार्थियों के लिए तो व्यायाम उत्तम औषधी के समान है। खेल भी व्यायाम करने का उत्तम साधन है। पढ़ाई करने के बाद खेलने से मन को नई शक्ति प्रदान होती है। खेलने से विद्यार्थियों में उपजा तनाव कम होता है। लगातार पढ़ने से उत्पन्न झुंझलाहट भी समाप्त हो जाती है। शरीर मज़बूत बनता है। पढ़ाई में मन लगा रहता है। इन सब बातों को देखते हुए हम कह सकते हैं कि व्यायाम हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक हैं।

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