gillu paath ka saraansh

'गिल्लू' महादेवी वर्मा द्वारा लिखित रचना है। यह रचना संस्मरणात्मक गद्य शैली में लिखी गई है। महादेवी वर्मा को जानवरों और पक्षियों से बहुत प्यार था। उनके जीवन में वे सब बहुत महत्व रखते थे। महादेवी जी के जीवन में यत्र-तत्र पशु-पक्षियों की कहानियों का समावेश मिल जाएगा। महादेवी जी के पास बहुत सारे पालतु पशु-पक्षी थे। उनके साथ उनका आत्मिक संबंध था। इस पाठ द्वारा हमें पशु-पक्षियों के प्रति मानवीय प्रेम का पता चलता है। वहीं दूसरी ओर यह कहानी हमें बताती है कि जानवरों और पक्षियों से हमें प्रेम के स्थान पर प्रेम, भक्ति और करुणा का अपार सागर प्राप्त होता है। यह पाठ हमें सभी प्राणियों से प्रेम करने का संदेश देता है। इस पाठ में छोटे-छोटे जीवों के जीवन उनके क्रियाकलापों को समझने का अवसर भी प्राप्त होता है।

  • 5
What are you looking for?