Godhuli ki bela ka kya matlab hai? Kavi ko yah baat nimantran patr mei pdhkar vidambana kya lagi?

गोधूलि अर्थात शाम का वह समय जब गएँ घांस चरकर वापस लौटती हैं तो उनके पग या पैरों से जो धूलि उत्पन्न होती है उसे गोधूलि जेहते हैं।

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कवी को यह बात निमन्त्रण पत्र में पढ़कर विडम्बना लगी क्योंकि शहरी इलाकों में गोधूलि जैसा दृष्य देखने नहीं मिलता है साथ ही शहर के लोगों को गोधूलि का ज्ञात नहीं हो पाता ।
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