Help me in writing an essay - JEEVAN MEIN KHELO KA MAHATVA (250 WORDS)

मनुष्य के जीवन में आरंभ से ही खेलों का महत्व रहा है। खेलों के बिना मनुष्य अधूरा है। प्राचीन समय में तो उसके मनोरंजन का साधन ही खेल हुआ करते थे। स्वयं के मनोरंजन के लिए उसने विभिन्न तरह के खेलों की रचना भी की है और आगे भी करता रहा है। आज के युग में मनोरंजन के अनेक साधन उपलब्ध हैं परन्तु फिर भी खेलों का महत्व वैसे का वैसा ही बना हुआ है। खेलों से जहाँ स्वास्थ्य बढ़ता है, वहीं मनोरंजन भी होता है। मनुष्य को चाहिए कि वह नियमित रूप से खेलों में भाग लेता रहे। ऐसा करने से शरीर में रक्त-संचार सही रहता है, स्फूर्ति तथा उत्साह भी बढ़ता है। आज के भागदौड़ भरे जीवन में हम खेलों के महत्व को नजर अंदाज़ कर देते हैं, इससे हमारे शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। हम आलसी होते जाते हैं। हमारा शरीर बैडोल हो जाता है। हमें मोटापा, मानसिक तनाव, उच्च या निम्नरक्तचाप जैसी अनेक बीमारियाँ आ घेरती हैं। यदि हम नियमित रूप से खेलते रहते हैं, तो हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है। हम चुस्त-दुरूस्त बने रहते हैं। इससे बीमारियाँ भी दूर रहती हैं साथ ही डॉक्टर और दवाईयों में आने वाला खर्चा भी कम हो जाता है। विद्यार्थियों के लिए तो खेल उत्तम औषधी के समान है। पढ़ाई करने के बाद खेलने से मन को नई शक्ति प्रदान होती है। खेलने से विद्यार्थियों में उपजा तनाव कम होता है। लगातार पढ़ने से उत्पन्न झुंझलाहट भी समाप्त हो जाती है। शरीर मज़बूत बनता है। पढ़ाई में मन लगा रहता है। विद्यार्थी आज खेलों के माध्यम से उज्जवल भविष्य भी पा रहे हैं। खेलों को व्यवसाय के रूप में अपनाने से खिलाड़ी देश-विदेश में यश और धन दोनों कमा रहे हैं। इन सब बातों को देखते हुए हम खेलों के महत्व को नकार नहीं सकते हैं।

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