Hindi essay for

1. hindi maatra bhaasha nahi maatr bhaasha rah gayi hai

2. Samaapta hoti shilpkalayein

3. Desh ki pragati apni maatra bhaasha se hi ho sakti hai

मित्र हम आपको एक विषय पर निबंध लिखकर दे रहे हैं। बाकी पर आप स्वयं लिखने का प्रयास करें-

हिन्दी एक भाषा है, इसकी लिपि देवनागरी है। हिन्दी हिन्दुस्तान की पहचान है। वैसे भारत में असंख्य भाषाएं बोली जाती है परन्तु हिन्दी इन सबमें विशिष्ट है। इस भाषा के माध्यम से पूरा भारत आपस में जुड़ा हुआ है। हिन्दी का जन्म ऐसे ही नहीं हुआ। यह विकास के विभिन्न चरणों से गुजरती हुई, इस शिखर पर आसीन हुई है।

भारत में मुगलों का शासन आरंभ हुआ, तब उन्होंने राज-काज की भाषा का सम्मान उर्दू-फ़ारसी को दिया। इसके पश्चात् अंग्रेजों का शासनकाल आरम्भ हुआ, तो उन्हें उर्दू-फ़ारसी में राज-काज संभालने में असुविधा हुई। अत: उन्होंने राज-काज की भाषा अंग्रेज़ी को बना दिया। यह इसलिए भी किया गया कि शासक अपनी हर बात को प्रजा पर थोपना चाहते थे ताकि प्रजा में हीनता उत्पन्न हो जाए और उसका राज ऐसी जनता पर कायम रहे, जो स्वयं को हीन समझती थी। देश विभिन्न जातियों और धर्मों में बंटा हुआ था। स्वतंत्रता सेनानियों को ऐसी भाषा की आवश्यकता हुई, जो उन्हें एकता के सूत्र में पिरो सके और जन-जन की भाषा बन जाए। हिन्दी भाषा में उन्हें ऐसे गुण नज़र आए। फिर क्या था, हिन्दी जन-जन की भाषा बन गई। स्वतंत्रता की लड़ाई में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

एक लम्बे अन्तराल के पश्चात भारत ने गुलामी की बेड़ियाँ को तोड़ते हुए स्वयं का स्वतन्त्र अस्तित्व ढूँढा और आज़ाद देश बन गया। आज़ाद भारत ने नए सिरे से अपना विकास आरम्भ किया। देश को एक नई रूप-रेखा की आवश्यकता थी। अभी तक तो वह दूसरों के नियम कानूनों को निभा रहा था। अत: सर्वप्रथम अपने देश को एकत्र कर उसका संविधान निर्माण किया गया, तभी से हिन्दी के विकास का क्रम आरम्भ हुआ। संविधान में हिन्दी को सर्वोच्च स्थान प्रदान किया गया था। 14 सितम्बर, 1949 को हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया।

14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हिंदी को संघ की राजभाषा का स्थान मिला था इसलिए यह गौरवपूर्ण दिन है। आज के दिन हम इसे पर्व के रूप में मना कर विश्व में हिंदी के प्रति जागृति उत्पन्न करने का प्रयास करते हैं। इस दिन प्रदर्शनी, मेले, गोष्ठी, सम्मेलन आदि का आयोजन करते हैं। हिंदी कवियों का उत्साहवर्धन करने के लिए इस दिन उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया जाता है। हिंदी में ही कामकाज हो, इसके लिए हिंदी पखवाड़ा मनाया जाता है। परन्तु इतना सब करने के बावजूद भी हिन्दी अपने ही देश में अपने अस्तित्व को खो रही है।

'हिन्दी' हिन्दुस्तान की पहचान है और  हमारे राष्ट्र की पहचान है। वैसे भारत में असंख्य भाषाएँ बोली जाती हैं परन्तु हिन्दी इन सबमें विशिष्ट है। इस भाषा के माध्यम से पूरा भारत आपस में जुड़ा हुआ है। हिन्दी का जन्म ऐसे ही नहीं हुआ, यह विकास के विभिन्न चरणों से गुजरती हुई, इस शिखर पर आसीन हुई है।
इसे राष्ट्रभाषा भी कहा जाता है। परन्तु आज यह बात गलत सिद्ध होती है। लोग हिन्दी के स्थान पर अंग्रेज़ी भाषा को अपना रहे हैं। स्कूल, कॉलेज से लेकर सरकारी कार्यालयों तक अंग्रेज़ी को अपना लिया गया है। हिन्दी में कार्य नाममात्र रह गया है। जब सरकारी कार्यालयों का यह हाल है, तो देश के लोग भी कम नहीं हैं। आज हिन्दी मातृभाषा न रहकर मात्र भाषा रह गई।  
 

  • 0
What are you looking for?