Hindi essay on "रकतदान"(BLOOD DONATION)
रक्तदान महादान इस पंक्ति से रक्तदान की विशेषता का पता चलता है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान किसी के जीवन को बचा सकता है। भारत में रक्तदान के पीछे लोगों में विभिन्न प्रकार की गलतफहमियाँ विद्यमान है। लोगों का मानना है कि रक्तदान से कमजोरी आती है, शरीर में रक्त की कमी होती है। परन्तु यह मात्र गलतफहमी ही है। रक्तदान से किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती है। हमारा शरीर उस रक्त की पूर्ति शीघ्र ही कर लेता है और पुन: रक्त का निर्माण कर लेता है। रक्तदान करने वाले व्यक्ति के रक्त की जाँच होती है। इसमें देखा जाता है कि दानकर्ता को किसी प्रकार संक्रमण तो नहीं है। जाँच के बाद दानकर्ता अपना रक्त दान कर सकता है। दान किए हुए रक्त को संरक्षित कर लिया जाता है, तथा जब किसी को आपातकालीन समय में रक्त की आवश्कता होती है, तो उसे तुरंत वह रक्त चढ़ा दिया जाता है। इस प्रकार एक रोगी की जान को बचाया जा सकता है। भारत मे बहुत कम लोग रक्तदान करते हैं। एक पूर्ण रुप से स्वस्थ व्यक्ति हर तीन माह के पश्चात रक्तदान कर सकता है। इस प्रकार हम एक मरते व्यक्ति को जीवन दे सकते हैं तथा उसके परिवार का जीवन भी उज्ज्वल बना सकते हैं। हमें चाहिए कि हम सब मिलकर रक्तदान करें और लोगों को इसके लिए प्रेरित भी करें।