हेमंत ऋतु पर निबंध।
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भारत ऋतुओं का देश कहा जाता है। हमारे देश में अनेक ऋतुएँ होती हैं। जितनी ऋतुएँ भारत में हैं, उतनी किसी अन्य देश में नहीं है। भारत में ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद् ऋतु, हेमंत ऋतु, शिशिर ऋतु व वसंत ऋतु मिलाकर कुल छ: ऋतुएँ होती हैं। इन ऋतुओं का समय दो-दो महीने का होता है। हिन्दी तिथि के अनुसार वैशाख व जेठ का महीना ग्रीष्म ऋतु का कहलाता है, वर्षा ऋतु का आषाढ़ व सावन का महीना होता है, शरद् ऋतु का भाद्र व आश्विन का महीना होता है, हेमंत का कार्तिक व अगहन, पूस व माघ का शिशिर का महीना होता है और फाल्गुन व चैत्र का महीना वसंत ऋतु का माना जाता है।
शरद् के तुरंत बाद हेमंत ऋतु अपना रूप दिखाना आरंभ करती है। इसमें ठंड अधिक नहीं होती। अतः यह बहुत सुहावनी होती है। यह दिसंबर से लेकर जनवरी के मास के मध्य होती है। पाचन तंत्र के लिए तो यह बहुत ही लाभदायक ऋतु है। यह सुहावनी और गुलाबी होती है। इसकी ठंड शरीर को गुदगुदाने वाली होती है। यही कारण है कि यह ऋतु लोगों के मन को भाती है।
शरद् के तुरंत बाद हेमंत ऋतु अपना रूप दिखाना आरंभ करती है। इसमें ठंड अधिक नहीं होती। अतः यह बहुत सुहावनी होती है। यह दिसंबर से लेकर जनवरी के मास के मध्य होती है। पाचन तंत्र के लिए तो यह बहुत ही लाभदायक ऋतु है। यह सुहावनी और गुलाबी होती है। इसकी ठंड शरीर को गुदगुदाने वाली होती है। यही कारण है कि यह ऋतु लोगों के मन को भाती है।