विशेषग्य से अनुरोध है की मुझे " कर्म ही पूजा है " विषय पर एक अनुच्छेद प्रदान करें |

धन्यवाद |

कर्म मनुष्य के जीवन का आधार है। कर्म का अर्थ है हमारे द्वारा किए जाने वाले कार्य। कर्म से ही मनुष्य पहचाना जाता है और कर्म ही उसकी छवि समाज के सम्मुख बनाए रखते हैं। यदि मनुष्य के कर्म बूरे हैं, तो समाज द्वारा उसे नकारा जाता है। अच्छे कर्म उसे आदर व सम्मान का पात्र बनाते हैं। कर्म मनुष्य जीवन को सार्थक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कर्मप्रधान मनुष्य पूरी मानवता का कल्याण करने में समर्थ होता है। गांधी जी के अच्छे कर्मों के कारण ही भारत आज़ाद हुआ। नेलशन मंडेला ने अफ्रीका को आज़ाद कराया। इनके कर्म ही तो थे जो यह आज भी लोगों द्वारा पूजे जाते हैं।

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