तुमने एक अंतरंग निजी सम्बन्ध मुझसे स्थापित कर लिया, तुमने मेरी आर्थिक सीमाओं की बैंजनी चट्टान देख ली। - आशय स्पष्ट कीजिये
मित्र लेखक कहना चाहता है कि उसके अतिथि ने उसके साथ आत्मीय संबंध स्थापित कर लिया है। इसलिए अब वह यहाँ से जाने का नाम ही नहीं ले रहा है। अतिथि का सत्कार करते-करते उसकी आर्थिक स्थिति भी डाँवाडोल होने लगी है। अब तो अतिथि को भी लेखक की स्थिति का अहसास हो गया होगा। इसलिए अब तो अतिथि तुम चले जाओ।