विपत्ति कसौटी जे कसे सोई सांचे मीत par nibandh...........plz help xperts

सच्चा मित्र वही कहलाता है जो विपत्ति के समय अपने मित्र के साथ दृढ़-निश्चय होकर खड़ा रहता है। रहीम जी ने कहा है– कह रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत। बिपत्ति-कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत।। मित्रता के अनेक उदाहरण आपको इतिहास में मिल जाएँगे। कृष्ण व सुदामा की मित्रता जग प्रसिद्ध है। अपने मित्र की करुण दशा देखकर कृष्ण ने अपने मित्र के साथ-साथ उसके पूरे गाँव को ही धन व वैभव से भर दिया था। सुग्रीव व श्री राम की मित्रता इसका दूसरा सबसे बड़ा उदाहरण है। श्री राम ने सुग्रीव की मदद बाली का वध करके की। सुग्रीव को उसका राज्य व परिवार वापस दिलवाया, वहीं दूसरी ओर सुग्रीव ने सीता को ढूढ़ने व रावण से युद्ध करने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था। इनकी मित्रता समाज में आदर्श-मित्रता थी। हमें चाहिए कि जब भी किसी को अपना मित्र बनाए तो सोच-विचार कर बनाए। कपटी मित्र अपने स्वार्थ के लिए आपको पतन के रास्ते पर पहुँचा सकता है। जो आपके मुँह पर आपके सगे बने और पीठ पीछे आपकी बुराई करे ऐसी मित्रता को नमस्कार कहने में ही भलाई है।

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