भारतीय शिक्षा पद्धति में शिक्षा का माध्यम हिन्दी|
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शिक्षा चेतन या अचेतन रूप से मनुष्य की रूचियों समताओं, योग्यताओं और सामाजिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए, आवश्यकता के अनुसार स्वतंत्रता देकर उसका सर्वागींण विकास करती है। शिक्षा में हिन्दी का महत्वपूर्ण स्थान होना चाहिए। शिक्षा हिन्दी में होगी तो वह हमारे सोचने, रहने और जीने के ढंग को बदलने में सहायता कर सकती है। इसके साथ ही इससे हिन्दी भाषा का महत्व बढ़ सकता है।
शिक्षा चेतन या अचेतन रूप से मनुष्य की रूचियों समताओं, योग्यताओं और सामाजिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए, आवश्यकता के अनुसार स्वतंत्रता देकर उसका सर्वागींण विकास करती है। शिक्षा में हिन्दी का महत्वपूर्ण स्थान होना चाहिए। शिक्षा हिन्दी में होगी तो वह हमारे सोचने, रहने और जीने के ढंग को बदलने में सहायता कर सकती है। इसके साथ ही इससे हिन्दी भाषा का महत्व बढ़ सकता है।