छात्रावास से अपने माताजी को एक पत्र लिखिए।

पता .............
दिनांक...........

पूज्यनीय माताजी,
सादर प्रणाम!
घर पर सब कैसे हैं। यहाँ पर सब कुशलमंगल है। आगे का समाचार यह है कि मैं यहाँ पर बहुत खुश हूँ। यहाँ सभी मेरे मित्र बन गए हैं। समय कैसे निकलता है, पता ही नहीं चलता। प्रकृति के मध्य पढ़ना और रहना मन को बहुत आनंदित करता है। पहले में आपके इस फैसले से प्रसन्न नहीं था मगर अब हूँ। 
 
आपसे निवेदन है कि मेरी चिंता मत कीजिएगा। मैं आपको समय-समय पर पत्र लिखता रहूँगा। आप भी मुझे लिखना। अब पत्र समाप्त करता हूँ।  आपके पत्र का इंतज़ार रहेगा। घर पर दादा-दादी को मेरा प्रणाम और नेहा को प्यार कहिएगा।

आपका बेटा
निशांत   

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