I need a essay on girl child foeticide in hindi.

नमस्कार मित्र,

भारत में लोग कन्या उत्थान के लिए चाहे जो कहें परन्तु कन्या जन्म को लेकर विचारधाराएँ आज भी संकीर्ण बनी हुई हैं। इसके पीछे मोक्ष की प्राप्ति, वंश वृद्धि, दहेज प्रथा और अशिक्षा निम्नलिखित कारण हैं। सदियों से भारत में यही धारण बनी हुई है कि मोक्ष की प्राप्ति तब तक नहीं होती, जब तक पुत्र तर्पण नहीं करता। बिना तर्पण के वह भटकता रहता है। यह भय लोगों को भयभीत किए रहता है। स्वयं को तारने के लिए वे पुत्र चाहते हैं। लोगों का यह भी मानना है कि पुत्र वंश को चलाता है इसलिए हर कोई पुत्र की कामना करता है। वंश वृद्धि की लोगों में सदैव लालसा रहती है। इस प्रकार की विचारधारा निम्न या मध्यम परिवारों में नहीं अपितु उच्चवर्ग में भी विद्यमान है। समाज में व्याप्त दहेज प्रथा कन्या जन्म को विशेष रूप से प्रभावित करती हैं। कन्या के विवाह में होने वाला खर्चा और वरपक्ष की अनुचित मांगे माता-पिता को हताश कर देते हैं। अत: लोग कन्या के जन्म पर प्रसन्न नहीं होते। हमारे समाज में साक्षरता की कमी है, जो स्वयं में भी एक बड़ा कारण माना जाता है। अशिक्षा समाज में संकीर्ण मानसिकता को जन्म देती है। इन सभी बातों का परिणाम कन्या भ्रूण की हत्या में बढ़ोतरी के रूप में होता है। भारत में ये आम बात है। लोग गर्भकाल में ही भ्रूण की लिंग जाँच करवा लेते हैं कि होने वाला शिशु बालक है या बालिका। एक संस्था की जांच के बाद यह तथ्य सामने आया है कि भारत में तीस सालों में उनतालीस लाख से अधिक कन्या भ्रूण को गर्भकाल में ही मरवा दिया गया है। हमारे लिए यह शर्म की बात है। देश की जनगणना के अनुसार एक हज़ार बालकों में बालिकाओं की संख्या 798 तक है। यह आँकडें हमें आने वाली भयकर समस्या की चेतावनी दे रहे हैं। इस विषय को गंभीरता से लेना आवश्यक है। सरकारी तौर पर कन्या जन्म को प्रोत्साहित किया जाता है। परन्तु इन सबके बाद भी सरकार इसमें विफल हो रही है। हमें एक साथ खड़े होने की आवश्यकता है तभी हम बालिकाओं के अस्तित्व को संसार में एक पहचान दिला पाएँगे।

  • 11

visit google.

  • 2

I want to know about girl child foeticide

  • 2
What are you looking for?