i want a hindi essay

topic - meri maa

नमस्कार मित्र,

मेरी माँ दुनिया की सबसे प्यारी व अच्छी माँ है। बचपन से आज तक मैं सदैव माँ के साथ रही हूँ। माँ के द्वारा हमेशा मेरी जरूरतों का ध्यान रखा गया। जब मैं छोटी थी, तो माँ ही मुझे नहलाती व तैयार करती थी। वह मेरे साथ खेलती थी और मुझे पढ़ाती भी थी। मेरे मुँह से निकला पहला शब्द माँ ही था। मेरे द्वारा सीखा गया पहला पाठ माँ ने ही सिखाया था। मेरे गिर जाने पर मुझसे ज्यादा वह रोती थी। वह मुझे मेरी गलती में डांटती भी थी परन्तु थोड़ी देर में मुझे प्यार भी करती थी। वह सदैव मेरे साथ मेरी छाया के समान रहती थी और आज भी हैं। पिताजी भी मेरा बड़ा ध्यान रखते हैं परन्तु माँ की बात ही अलग है। मैं अपनी माँ से स्वयं को अधिक करीब पाती हूँ। ऐसा कभी नहीं हुआ की मुझे माँ की जरूरत हो और उन्हें मेरा साथ न दिया हो। उन दिनों की बात है जब मेरे स्कूल में गरमी की छुट्टियाँ पड़ी हुई थी। मैं सारा-सारा दिन धूप में खेलती और जब मौका मिलता माँ की आँख बचाकर बाहर खेलने चली जाती। माँ मना किया करती थी की बाहर बहुत गरमी है। इतनी गरमी में नहीं खेलना चाहिए। लेकिन मैंने माँ की एक बात नहीं मानी। एक दिन माँ के सो जाने पर मैं घर से बाहर निकल गई व अपनी सहेलियों के साथ दिनभर खेलती रही। उस दिन अधिक गरमी हो रही थी। अचानक में बेहोश हो गई। मेरी सहेलियों ने माँ को बुलाया। मेरे कारण माँ बहुत परेशान रही। डाक्टर ने बताया की मुझे गरमी से ऐसा हुआ है। माँ मेरी दिन-रात सेवा करती रही। वह मेरे लिए नाना प्रकार के खेल-खिलौने लाई। वह मेरे साथ खेलती ताकि मैं बाहर न जाऊँ। इस घटना ने मुझे इस बात का एहसास कराया की माँ मुझे कितना स्नेह करती है। मैं और मेरी माँ हम दोनों का रिश्ता सखियों जैसा है। वह कभी मेरे साथ माँ जैसा व्यवहार नहीं करती। मेरी वो सबसे अच्छी दोस्त है। उनके साथ जो खुशी मुझे मिलती है, वह अन्य किसी के साथ नहीं मिलती। माँ के बिना मैं अपनी कल्पना भी नहीं कर सकती। माँ भी मेरे बिना एक पल नहीं रह पाती। मेरे कारण वह बाहर ज्यादा आती-जाती भी नहीं है। मेरे परीक्षा के दिनों में तो वह मेरे साथ ही पूरी-पूरी रात जागती रहती हैं ताकि मुझे किसी चीज की जरूरत न पड़ जाए। मेरी माँ और मैं एक दूसरे बहुत प्यार करते हैं। मैं उनकी सबसे प्यारी बेटी हूँ वो मेरी सबसे प्यारी माँ।

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Essay: Maa is ek naam me hi bahut kuch samaya hai. Bachhe ke janam se lekar uske jivan pravasme sabse pehele uski maa uska bahut khayal rakhti hai. Bachheko thodisi bhi chot na lage iska khayal woh rakhti hai. Agar baccheko kuch ho jaye toh sabse pehele maa ke aankon me paani aata hai, use dukh hota hai. Bacche ke janamke bad uspar achhe sanskar maa hi karti hai. Ye sanskar use bhavishya me bahut kimati hote hain. Bachha agar galti kare
to maa use premse samzati hai taaki woh aisi galti phirse na kare. Main agar bada hokar kahi dur chala jau tabbhi maa ke aashirvad mere saath honge. Main bhi apne maase bahut bahut pyaar karta hoon. Maa bhi Ek Bhagwaanka roop hota hai Is liye subah hotehi aur sham hotehi main Bhagwaanse pehele Maa ke pair choota hoon. Aisi hai yeh meri maa. Main meri maase bahut pyaar karta hoon.

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pls see:
jeevan k koi rishtey na janu, sirf janu rishta maa ke sang, jo juda hai meri zindagi sai, jo juda rahega dil k sang.

vishwas badhaye, pyar sikhaye, ladna bataye jeevan ki jung.
Ishwar ka duja rup hai maa, maa ki mamta hai anant.

Maa tuje hai mere koti pranam, muj pe tere bade upkar, kuch karu jeevan mai esa k teri duae laye rang.

I love you mummy.

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