I want an essay on co education . Please can u write it.

हम आपको इस विषय पर कुछ पंक्तियाँ लिखकर दे रहे हैं। इसे अपनी समझ से विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास कीजिए-

आज के समय में विद्यालयों में सह-शिक्षा अभियान काफी ज़ोर पकड़ रहा है। एक समय था, जब भारत में लड़कियों के शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार पर ही प्रतिबंध लगा हुआ था। लोग घर में बैठकर लड़कियों को इतनी शिक्षा दिया करते थे, जिससे वे धर्मग्रंथों का अध्ययन कर सकें। समय बदला और स्त्री शिक्षा ने ज़ोर पकड़ा। आज़ादी के समय में लड़कियों की शिक्षा पर बल दिया गया और परिणाम स्वरूप बालिका विद्यालय खुलने आरंभ हो गए। बालिकाओं को छात्रावास में भी शिक्षा के लिए भेजा जाने लगा। महादेवी वर्मा तथा सुभद्रा कुमारी चौहान ऐसी ही महिलाओं में से थीं। परन्तु यह लड़कियों की आबादी का मात्र 10 प्रतिशत भाग था। आज़ादी के बाद तो धीरे-धीरे अनेक बालिका विद्यालय खुलने आरंभ हो गए। अब समाज को आवश्यकता पड़ी कि सदियों से लड़कियों में विद्यमान हीनभावना को बाहर निकाला जाए। परिवारवालों द्वारा उन्हें पढ़ाया अवश्य जाता था, परन्तु उनके अंदर लड़कों के मुकाबले आत्मविश्वास की बहुत कमी थी। सह-शिक्षा से इस समस्या का हल निकाला गया। सह-शिक्षा का तात्पर्य है- दो विपरीत लिंग के लोगों को साथ पढ़ने के लिए भेजना। इसमें लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता है। लड़कियाँ भी लड़कों के साथ उन्हीं के विद्यालयों में साथ-साथ शिक्षा ग्रहण करती है। इस प्रकार लड़कों के साथ पढ़ते हुए उन्हें अपनी क्षमता तथा योग्यताओं का पता चलता है। सह-शिक्षा अभियान ने आज की आधुनिक नारी की नींव डाली है। आधुनिक नारी पुरुषों के समान स्वाभिमानी, योग्य, आत्मनिर्भर तथा हर कार्य को करने में दक्ष है। वह पुरुषों के समान हवाई जहाज से लेकर रेल तक चला सकती है। इस प्रकार सह-शिक्षा ने स्त्री के जीवन की दिशा ही बदल दी।  

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