" jeevo par daya" is vishay par hindi bhasha par likhe jo gillu path par aadharit ho.

kripiya kar meri thodi sahayata kare mitro.

चिरकाल से ही ऋषि-मुनियों द्वारा दूसरों के प्रति दया का आचरण करने पर ज़ोर दिया गया है। उनका मानना था की प्राणी मात्र के लिए दया रखने वाला व्यक्ति सर्वश्रेष्ठ होता है। प्रभु ने हमें शक्ति संपन्न बनाया है। इन शक्तियों का सदुपयोग कर दूसरों का उद्धार करना हमारा धर्म है। किसी निरीह और असहाय जीव की सहायता करने के स्थान पर मुँह मोड़ देना कर्त्तव्यों से मुँह मोड़ने के समान है। गिल्लू भी ऐसा ही जीव था, जो माँ से अलग होकर झाड़ियों पर आ गिरा। दो कौवों द्वारा उसे बुरी तरह घायल कर दिया गया था। परन्तु महादेवी ने  अपने कर्तव्य का निर्वाह किया और उसे उठाकर अपने निवास स्थान ले आई। महादेवी यदि उस पर दया नहीं करती, तो कौवों द्वारा उसे अपना ग्रास बना लिया जाता। महादेवी की दया ने उसे नया जीवन दान दिया। गिल्लू ने भी महादेवी की दया, प्रेम और देखभाल का पुरस्कार उन्हें विशुद्ध प्रेम करके दिया । हम मनुष्य हर संबंध को स्वार्थ के तराजू में तोलते हैं। हम दया भी वहीं करते हैं, जहाँ से हमें कुछ मिल सके नहीं तो उसे देखकर भुला देना ही उचित समझते हैं। परन्तु यह मानवता नहीं कहलाएगी। जीवों पर दया कर उनकी रक्षा से जो सुख मिलता है, वह अकथनीय है।

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