Kabir ke 'ram' kaun hain? Yah sansar 'ram' ke darshan kyo nahin kar pata?

कबीर के राम कण-कण में व्याप्त हैं। वह अयोध्या के राम नहीं है। वह तो परम पिता परमात्मा हैं। सारा संसार इसलिए उन्हें नहीं देख पाता है क्योंकि वह राम के स्थान पर लोभ, मोह आदि बंधनों से जकड़े हुए हैं। जो इन बंधनों से आज़ाद हैं वही उस राम के दर्शन कर सकते हैं। क्योंकि उन्हें देखने के लिए तो मन की आँखों की आवश्यकता है।

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