Kavita ko vidambana mange hue Lekhak ne kya kaha? (Dhool chpter) please explain mam
व्यक्ति धन्य हैं जो धूल से सने बालकों को अपनी गोद में उठाते हैं और उन पर लगी धूल का स्पर्श करते हैं। बच्चों के साथ उनका शरीर भी धूल से सन जाता है। लेखक को ' मैले ' शब्द में हीनता का बोध होता है क्योंकि वह धूल को मैल नहीं मानते। ' ऐसे लरिकान ' में भेदबुद्धी नज़र आती है।