Likhit aur Maukhik bhasha par apne vichar spasht karein.
हिन्दी में भाषा के दो प्रकार माने जाते हैं लिखित और मौखिक भाषा। वैसे तो सांकेतिक भाषा भी इसी की प्रकार है परन्तु यह बहुत कम लोगों द्वारा प्रयोग में लाई जाती है इसलिए इसका इतना महत्व नहीं है। मनुष्य अपने विचारों और भावों को प्रकट करने के लिए दो प्रकार से भाषा का प्रयोग करता है। वह या तो लिखता है या तो बोलता है। जब वह अपने मन की बातों या विचार को लिखता है, तो वह लिखित भाषा की श्रेणी में आती है। लिखित भाषा का प्रयोग करके मनुष्य ने अपने इतिहास को संजोकर रख पाया है। इस तरह मनुष्य ने लिखित भाषा के माध्यम से ज्ञान को संचित करना सीखा। लिखित भाषा सबसे पहले अस्तित्व में आई। क्योंकि मनुष्य ने लिखना बहुत बाद में सीखा था। वह अपने मन के भावों और विचारों को व्यक्त करना चाहता था। परन्तु भाषा न होने के कारण वह ऐसा कर नहीं पाया। धीरे-धीरे उसने इसमें महारत्त हासिल की और बोलना सीखा। मुख से बोलने के कारण यह मौखिक भाषा कहलाई। इन दोनों के बिना मनुष्य अधूरा है।