meethi vaani aur eeshwar prem par dohe
मीठी वाणी-
१. ऐसी बाँणी बोलिये, मन का आपा खोइ।
अपना तन सीतल करै, औरन कौं सुख होई।।
ईश्वर प्रेम-
१. बिरह भुवंगम तन बसै, मंत्र न लागै कौइ।
राम बियोगी ना जिवै, जिवै तो बौरा होइ।
meethi vaani aur eeshwar prem par dohe
मीठी वाणी-
१. ऐसी बाँणी बोलिये, मन का आपा खोइ।
अपना तन सीतल करै, औरन कौं सुख होई।।
ईश्वर प्रेम-
१. बिरह भुवंगम तन बसै, मंत्र न लागै कौइ।
राम बियोगी ना जिवै, जिवै तो बौरा होइ।