muje neelkanth ki kahani natak roop mein mein likhi hui chiyeh

नमस्कार मित्र!
मित्र नीलकंठ पाठ पर आपको पूरा नाटक लिखकर देना कठिन है क्योंकि हमें आपके जैसे अन्य मित्रों के प्रश्नों के भी उत्तर देने होते हैं। अत: हम आपको नाटक का आरंभ भेज रहे हैं। आप उसके अनुसार स्वयं लिखने का प्रयास कीजिए।
 
गाड़ी की आवाज़ सुनाई देती है। महादेवी के हाथ में एक पिंजड़ा दिखाई दे रहा है। उसमें दो तीतर जैसे दिखने वाले चूज़े दिखाई दे रहें है। अचानक आवाज़ आती है।
 
महादेवी- (पुकारते हुए) कोई है, इन चूज़ों को बाहर तो निकालो।
 
घर की सदस्या- (पिंजरों को देखते हुए हैरानी से) दीदी आप फिर से पक्षी ले आईं। घर में
कम है क्या।
 
महादेवी- क्या करूँ? बड़े मियाँ ने थमा दिया। घायल हैं, मना भी नहीं कर पाई।
 
घर की सदस्या- (क्रोध में) वह तो हमेशा आपको भावुक बना कर लुट लेता है। देखो तो कौन से जाति के पक्षी दिए हैं।
 
 ढेरों शुभकामनाएँ!

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