niband on bus ki pratiksha mei in hindi
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
मैं रोज़ अपने मित्र के घर बस से जाता हूँ। उसके घर में हम पढ़ाई करते हैं। अतः बस से यात्रा करना सुविधाजनक होता है। एक बार मैं घर से चार बजे निकला। मैं बस स्टैण्ड समय पर पहुँच गया। गर्मियों का समय था। शाम के चार बजे थे। सड़क सुनसान थी। अभी बस का इंतज़ार करते हुए दस मिनट ही गुजरे थे कि अचानक एक कार मेरे सामने आकर रुकी।
उसमें दो व्यक्ति बैठे हुए थे। एक ने मुझे पास बुलाकर पता पूछा। उन्हें देखकर मुझे कुछ ठीक नहीं लगा और मैंने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया। थोड़ी ही देर में पीछे से दो और लोग बस स्टैण्ड पर आ गए। भीड़ बढ़ती हुई देखकर कार आगे चली गई। इस तरह मैं पुनः बस की प्रतीक्षा में खड़ा हो गया।
अभी-अभी आए एक अंकल ने मुझसे कार के विषय में पूछा। मैंने उन्हें बताया कि वे मुझसे पता पूछ रहे थे। मैंने उन्हें मना कर दिया, तो अंकल बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने मुझे बताया कि मैंने सही किया। आजकल बच्चे उठाने के लिए ऐसे कार्य किए जाते हैं। अंकल ने मुझे बस में बिठाया और कहा कि तुम किसी बडे़ के साथ ही स्टैण्ड पर आया करो। मैं अंकल को धन्यवाद कहकर चला गया।
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
मैं रोज़ अपने मित्र के घर बस से जाता हूँ। उसके घर में हम पढ़ाई करते हैं। अतः बस से यात्रा करना सुविधाजनक होता है। एक बार मैं घर से चार बजे निकला। मैं बस स्टैण्ड समय पर पहुँच गया। गर्मियों का समय था। शाम के चार बजे थे। सड़क सुनसान थी। अभी बस का इंतज़ार करते हुए दस मिनट ही गुजरे थे कि अचानक एक कार मेरे सामने आकर रुकी।
उसमें दो व्यक्ति बैठे हुए थे। एक ने मुझे पास बुलाकर पता पूछा। उन्हें देखकर मुझे कुछ ठीक नहीं लगा और मैंने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया। थोड़ी ही देर में पीछे से दो और लोग बस स्टैण्ड पर आ गए। भीड़ बढ़ती हुई देखकर कार आगे चली गई। इस तरह मैं पुनः बस की प्रतीक्षा में खड़ा हो गया।
अभी-अभी आए एक अंकल ने मुझसे कार के विषय में पूछा। मैंने उन्हें बताया कि वे मुझसे पता पूछ रहे थे। मैंने उन्हें मना कर दिया, तो अंकल बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने मुझे बताया कि मैंने सही किया। आजकल बच्चे उठाने के लिए ऐसे कार्य किए जाते हैं। अंकल ने मुझे बस में बिठाया और कहा कि तुम किसी बडे़ के साथ ही स्टैण्ड पर आया करो। मैं अंकल को धन्यवाद कहकर चला गया।