pita ko patra likh kar spasht kare ke aapne apna grishmaavkash kaise manaya

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पिताजी,

सादर प्रणाम!

बहुत दिनों से आपको पत्र लिखना चाह रहा था। परन्तु लिख नहीं पा रहा था।  हमने इस बार गर्मी की छुट्टियों का बड़ा आनंद उठाया। विद्यालय की तरफ से हम सब शिमला गए हुए थे। वहाँ पर हमने एक सरकारी स्कूल में शरण ली। वही हमें एन.सी.सी. के जवान के रूप में कार्य करवाया गया। हम सुबह चार बजे उठ जाते थे। जल्दी नहाकर हम व्यायाम करते थे और नाश्ता करने के बाद शिमला के पहाड़ों पर चढ़ाई करने के लिए जाया करते थे। हमें रोज़ एक नया कार्य दिया जाता था। वहाँ पर महीना कैसे गुज़ारा पता ही नहीं चला। मैं इस बार बहुत प्रसन्न हूँ। वहाँ से आकर सोचा की आपको इस विषय पर बताऊँ। अतः आपको पत्र लिख रहा हूँ। पत्र मिलते ही जवाब अवश्य भेजिएगा। आपके पत्र की प्रतीक्षा रहेगी।

आपका बेटा 

राज

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