please give an anuched on dharm ekta ka madhyam hai

देश में यदि एकता रहे तो उसकी आधी समस्या यूहीं समाप्त हो जाएगी। भारत इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। भारत देश में विभिन्न धर्म विद्यमान हैं। इन सबकी संस्कृति, रहन-सहन व पूजा करने का ढ़ंग अलग-अलग है। यह सब भारत देश के कीमती मोतियों के समान है। इन मोतियों को एकता का धागा बाँधे हुए है। एक ऐसा भी समय आया था जब भारत ने देश, धर्म व जाति के नाम पर दंगों व टकरावों के घाव खाए थे। उससे उभरने में उसे सालों निकल गए। वह जान गया है कि देश में विभिन्न जातियाँ हों या धर्म हो इनके बीच टकराव देश में अशान्ति के कारण बनते हैं।
 
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आज जो भारत है उसने धार्मिक एकता के मंत्र को पहचाना है। वह इस बात से परिचित हो गया है की यदि वह एक होकर नहीं रहेगा तो वह विकास के रास्ते पर चल नहीं सकता। जिस प्रकार 4-5  लकड़ियों के साथ मिलाने पर कोई उन्हें तोड़ नहीं सकता, उसी प्रकार हर धर्म के व्यक्ति का एकता के सूत्र में बंधे देश का कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। धर्म मनुष्य को अच्छाई को अपना ने और बुराई को मिटाने का रास्ता बताता है। यदि मनुष्य के जीवन में धर्म न हो तो वह कभी अच्छा इसान नहीं बन सकता। धर्म मनुष्य को उसके आचरण, उसके कर्तव्यों, आपसी प्रेम व साझे दारी बनाए रखने की प्रेरणा देता हैकिसी धर्म ने कभी यह नहीं कहा की दूसरा धर्म अच्छा नहीं है। धर्म ही है जो मनुष्य को आपस में जोड़े हुए है। मनुष्य में बुराई के प्रति डर पैदा करना व उसे अच्छा इनसान बनाना धर्म के माध्यम से ही संभव हो पाया है। देखा जाए तो सारे धर्मों का निचोड़ ही एक है दूसरों की सेवा करना, सबकी सहायता करना, सत्य व सदाचार से जीवनयापन करना।
धर्म ही एकता बनाए रखने का माध्यम है यदि धर्म के द्वारा आचरण किया जाए तो कोई मनुष्य किसी से द्वेष व बैरभावना न रखे। चारों तरफ प्रेम व आपसी भाईचारे का फैलाव व प्रचार हो।
यह वह सीढ़ी है जिससे मनुष्य स्वयं के लिए विकास व अच्छे जीवन की तलाश कर सकता है। अपने देश को नई प्रगति व रूप दे सकता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण भारत है। भारत में हर धर्म विद्यमान है। आपसी मतभेदों के बावजूद आज सब एक हैं। जो की धर्म के माध्यम से ही संभव हो पाया है। भारत को भी इस एकता ने समस्त संसार के आगे गर्व से सर उठाने का मौका दिया है।
इस एकता ने भारत को नई ऊँचाईयों से जोड़ दिया है। उसके लिए विकास के हजारों नए रास्ते खुल गए हैं। यही एकता के मंत्र का चमत्कार है। इसलिए एकता हर देश की ख्वाहिश होती है। वह यही चाहता है कि वह प्रगति करे। उसके देश में शान्ति व प्रेमभाव बना रहे। ये सब धर्म का दिखाया हुआ एकता का रास्ता है।
   
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dharm hi ekta ka madhyam hai...

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धर्म का उद्देश्य समाज में नैतिकता को बनाये रखना है। सभी धर्म एक ही बात सिखाते हैं। वे मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देते हैं। वे आपस में भाईचारा रखने के लिए कहते हैं। उनसे हमें प्रेम, दया, अहिंसा, सत्य, आदि की शिक्षा मिलती है। वे विशाल भावनाओं और सबको एक परिवार का सदस्य मानने के लिए प्रेरित करते हैं।  सभी धर्म शांति से रहने के लिए कहते हैं। वास्तव में सब धर्म एक ही लक्ष्य तक पहुँचने के भिन्न रास्ते हैं।

      सभी धर्म पूजा करने से पहले शरीर, मन और पूजा के स्थान को शुद्ध करने की बात पर जोर देते हैं। शुद्धता देवभक्ति का अंग है। इसलिए भगवान के करीब जाने के लिए सफाई सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। एक स्वच्छ शरीर में स्वच्छ मन होता है। सफाई से रहने वाले व्यक्ति के मन में अच्छे और सार्थक विचार उत्पन्न होते हैं। उसकी सोच सकारात्मक होती है। शुद्धता और निर्मलता धार्मिकता के लिए आवश्यक हैं। इसलिए स्वच्छता को देवभक्ति का पहला पग माना जाता है।

      भारत ने दुनिया में सांप्रदायिक सद्भाव का आदर्श स्थापित करा है। भारत में अनेक धर्म और मत हैं। वे सब लम्बे समय से शांतिपूर्वक देश में प्रगति कर रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि अंग्रेजी राज्य के समय भी धर्मों के बीच मतभेद नहीं था। स्वतंत्रता के बाद संकीर्ण धार्मिक और सांप्रदायिक विचार उत्पन्न हुए। जिसके कारण भारत और पाकिस्तान दो अलग देशों की रचना करी गयी। राष्ट्रीय नेताओं ने भारत को धर्म निरपेक्ष बनाने का पूरा प्रयत्न करा।   

      अनेकता में एकता भारत की विशेषता है। अनेक धर्म, अनेक भाषायें, अनेक जातियाँ होते हुए भी भारत एक है। सांप्रदायिक सद्भाव के कारण भारत की अखंडता बनी हुई है।

      समय समय पर धर्म और संप्रदाय के नाम पर होने वाले झगड़े लोगों के मन में अविश्वास उत्पन्न करते हैं। इसके कारण जीवन और संपत्ति की हानि होती है और देश को बहुत क्षति पहुँचती है। देश के विकास पर प्रभाव पड़ता है। समाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और वैज्ञानिक उन्नति के लिए सांप्रदायिक सद्भावना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए देश की शांति भंग करने वाले ऐसे हानिकर कट्टरवाद विचारों का निर्मूलन करना चाहिए।   

 
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Hamara Desh cake hai aur ham bhi
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The meaning of 'buddhi-par-mar' is to control their thinking power by putting a veil on the intellect. The author is of the view that there is a loss of wealth in foreign countries, so there is a loss of intelligence in India. ... in this way more than the killing of money, religion
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Kuchh bhi yrr
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Dear student
Lencho went out to have the pleasure of feeling the rain on his body. He?eagerly waited for the rainfall in order to get good harvest and he became happy when it came. He compared the raindrops to new coins because the crop needed the rain badly and it was the sign of good harvest in future.
Lencho was satisfied because he thought that the rain would ensure him a good harvest and a good yield.
Draped?is the word in the extract means same as 'covered'.
He regarded?the field of ripe corn with its flowers? means that the field is occupied with ripen corn having flowers on it. And relate this field of ripe corn as?covered in a curtain of rain.
Hope it helps!!!
Regards Unni no
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