आज जो भारत है उसने धार्मिक एकता के मंत्र को पहचाना है। वह इस बात से परिचित हो गया है की यदि वह एक होकर नहीं रहेगा तो वह विकास के रास्ते पर चल नहीं सकता। जिस प्रकार 4-5 लकड़ियों के साथ मिलाने पर कोई उन्हें तोड़ नहीं सकता, उसी प्रकार हर धर्म के व्यक्ति का एकता के सूत्र में बंधे देश का कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। धर्म मनुष्य को अच्छाई को अपना ने और बुराई को मिटाने का रास्ता बताता है। यदि मनुष्य के जीवन में धर्म न हो तो वह कभी अच्छा इसान नहीं बन सकता। धर्म मनुष्य को उसके आचरण, उसके कर्तव्यों, आपसी प्रेम व साझे दारी बनाए रखने की प्रेरणा देता हैकिसी धर्म ने कभी यह नहीं कहा की दूसरा धर्म अच्छा नहीं है। धर्म ही है जो मनुष्य को आपस में जोड़े हुए है। मनुष्य में बुराई के प्रति डर पैदा करना व उसे अच्छा इनसान बनाना धर्म के माध्यम से ही संभव हो पाया है। देखा जाए तो सारे धर्मों का निचोड़ ही एक है दूसरों की सेवा करना, सबकी सहायता करना, सत्य व सदाचार से जीवनयापन करना।
धर्म ही एकता बनाए रखने का माध्यम है यदि धर्म के द्वारा आचरण किया जाए तो कोई मनुष्य किसी से द्वेष व बैरभावना न रखे। चारों तरफ प्रेम व आपसी भाईचारे का फैलाव व प्रचार हो।
यह वह सीढ़ी है जिससे मनुष्य स्वयं के लिए विकास व अच्छे जीवन की तलाश कर सकता है। अपने देश को नई प्रगति व रूप दे सकता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण भारत है। भारत में हर धर्म विद्यमान है। आपसी मतभेदों के बावजूद आज सब एक हैं। जो की धर्म के माध्यम से ही संभव हो पाया है। भारत को भी इस एकता ने समस्त संसार के आगे गर्व से सर उठाने का मौका दिया है।
इस एकता ने भारत को नई ऊँचाईयों से जोड़ दिया है। उसके लिए विकास के हजारों नए रास्ते खुल गए हैं। यही एकता के मंत्र का चमत्कार है। इसलिए एकता हर देश की ख्वाहिश होती है। वह यही चाहता है कि वह प्रगति करे। उसके देश में शान्ति व प्रेमभाव बना रहे। ये सब धर्म का दिखाया हुआ एकता का रास्ता है।