please give me pruthvi ki atmakatha
मित्र हम इस विषय पर आरंभ करके दे रहे हैं। इसे स्वयं पूरा कीजिए-
मैं पृथ्वी हूँ। मेरा जन्म हज़ारों साल पुराना है। विभिन्न प्रकार के परिवर्तनों के बाद में आज इस रूप में आयी हूँ। मैंने स्वयं पर अनेक जातियों तथा प्रजातियों को पनपते और मरते देखा है। मेरे अंदर असंख्य जीवन पलते हैं। मैं सबका पालन-पोषण करती हूँ। सदियों से मेरा यही प्रयास रहा है कि मेरे अंदर पनपे वाले जीवों की हर आवश्यकता का पूर्ण करूँ। .....
मैं पृथ्वी हूँ। मेरा जन्म हज़ारों साल पुराना है। विभिन्न प्रकार के परिवर्तनों के बाद में आज इस रूप में आयी हूँ। मैंने स्वयं पर अनेक जातियों तथा प्रजातियों को पनपते और मरते देखा है। मेरे अंदर असंख्य जीवन पलते हैं। मैं सबका पालन-पोषण करती हूँ। सदियों से मेरा यही प्रयास रहा है कि मेरे अंदर पनपे वाले जीवों की हर आवश्यकता का पूर्ण करूँ। .....