Plz, it is urgent. An essay on "Plastic :- Bhavishya ke liye abhishap (100-150 words)

प्लास्टिक जहाँ रहता है, वहाँ हर स्थान पर प्लास्टिक मौज़दूगी और उससे होने वाले हानिकारक प्रभाव प्लास्टिक प्रदूषण कहलाते हैं। प्लास्टिक ऐसा पदार्थ है, जो सरलता से नष्ट नहीं होताहै। इसके मिट्टी में होने से पौधे पनप नहीं पाते हैं, इसे यदि नष्ट करके जलाया जाए, तो हानिकारक गैसें निकलती है, तो वातावरण के लिए खराब है। आज चारों ओर प्लास्टिक का बड़े पैमाने पर प्रयोग हो रहा है। इसका दुष्परिणाम यह है कि हर जगह प्लास्टिक का कचरा फैला हुआ है। बड़े-बड़े महानगरों से लेकर पर्वतीय प्रदेशों में तक प्लास्टिक ही प्लास्टिक नज़र आ रहा है। यह सस्ता और ठिकाऊ होता है। धूप, सर्दी तथा गर्मी का इस पर असर नहीं होता है। यह हल्का और किफायती भी होता है। यही कारण है कि लोगों में इसकी माँग बड़ी है। परन्तु इस कारण प्लास्टिक कचरे में भी वृद्धि हो रही है। यह वृद्धि पृथ्वी के वातावरण और उसके परिवेश को दूषित किए जा रहे ही। यदि जल्द ही इसका निपटारा नहीं किया गया, तो एक दिन यह हमारी ग्रह को निगलने का मुख्य दोषित बन जाएगा।

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