plz tell me the summary of hindi ka sakhiya or sabad .

 

'साखियाँ एवं शब्द' कबीरदास द्वारा रचित है। कबीरदास जी मध्यकालीन भारत में भक्तिकाल के निर्गुण शाखा के कवि थे। वह एक महान संत थे। इन्होंने समाज में व्याप्त धार्मिक आडंबरों का भरसक विरोध किया है। इनकी इस रचना में साखियाँ और सबद को लिया गया है। साखियों में कबीरदास जी ने प्रेम के महत्व, साधु-संतों की पहचान, ज्ञान के महत्व, विभिन्न धर्मों द्वारा किए जा रहे आडंबरों का विरोध आदि प्रस्तुत किया है। पहले सबद में कबीरदास जी ने हिन्दू-मुस्लिम द्वारा किए जा रहे आडंबरों का भरसक विरोध किया है। उनके अनुसार भगवान मंदिर-मसजिद या पूजा पाठ में नहीं मिलते हैं। वे तो अपने ही ह्दय में वास करते हैं। कबीरदास जी के अनुसार इन आडंबरों के स्थान पर स्वयं के ह्दय में झाँक कर देखें तो ईश्वर हमें मिल जाएँगे। दूसरे सबद में कबीरदास जी के अनुसार ज्ञान का जीवन में बहुत महत्व है। ज्ञान एक ऐसा मार्ग है, जिसके द्वारा मनुष्य अपने मन में उत्पन्न मोह-माया, शंका, भ्रम आदि दुर्भावनाओं को समाप्त कर सकता है।

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