purush ke liye kya mahatva hai poshak ya kapda(debate)

आज के समय में यह बात सही है कि व्यक्ति की पहचान उसकी पोशाक से होती है। पोशाक के आधार पर हम मनुष्य का मुल्यांकन करते हैं कि यह किस व्यवसाय, धर्म या जाति से संबंधी होगा। जैसे- यदि कोई व्यक्ति खादी का कुर्ता-पैजामा, सर पर नेताओं वाली टोपी पहने रखता है तो यह निश्चय करना आसान होता है कि यह कोई नेता है या कोई समाज सेवक क्योंकि यह उनकी पहचान बनकर रह गया है। कोट-पैंट पहना व्यक्ति सभ्य और किसी कंपनी में उच्चपद पर कार्यरत व्यक्ति की पहचान मानी जाती है। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि पोशाक से व्यक्ति की पहचान होती है। पोशाक का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। पोशाक मात्र शरीर को ढाकने के लिए नहीं होती है। यह हमें मौसम की मार से बचाती है। मनुष्य की पहचान भी उसकी पोशाक से पता चलती है। पोशाक से उसकी हैसियत, पद तथा समाज में उसके स्थान का पता चलता है। पोशाक मनुष्य के व्यक्तित्व को निखारती है। जब हम किसी से मिलते हैं, तो पहले उसकी पोशाक से प्रभावित होते हैं तथा उसके व्यक्तित्व का अंदाज़ा लगाते हैं। उसकी पोशाक जितनी प्रभावशाली होगी लोग उससे उतने अधिक प्रभावित होगें। शारीरिक बनावट सही पोशाक के चयन से निखर जाती है। यही कारण है कि आज हर बड़ी-छोटी कंपनी पोशाक के व्यवसाच में कूद पड़ी हैं। हर कोई स्वयं को निखारना चाहता है। उसके लिए वह मुँहमांगे दाम देने के लिए तैयार है। समाज में उसका सम्मान भी पोशाक से बनता बिगड़ता है। पोशाक से लोगों के बीच हम सुंदर दिखते हैं। यह हमारे जीवन के लिए बहुत आवश्यक है।

  • 0
What are you looking for?